- नक्सली कुंवर मांझी को आत्मसमर्पण की अपील के एक महीना बाद हुआ अंत, पुलिस ने जताया अफसोस
बोकारो, 18 जुलाई 2025:
झारखंड के बोकारो जिले में पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के दौरान इनामी नक्सली एसजेडसीएम कुंवर मांझी की 16 जुलाई को मौत हो गई। यह घटना तब और भी संयोगपूर्ण मानी जा रही है जब ठीक एक माह पूर्व, 16 जून को गोमिया थाना प्रभारी पु0अ0नि0 रवि कुमार के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने कुंवर मांझी के घर पहुंचकर आत्मसमर्पण की अपील की थी।

पुलिस टीम में चतरोचट्टी थाना प्रभारी पु0अ0नि0 दीपक राणा एवं पु0अ0नि0 मनोज कुमार भी शामिल थे। टीम ने विशेष अभियान के तहत मांझी के घर जाकर उसकी पत्नी, भाई एवं अन्य परिजनों को झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति की विस्तृत जानकारी दी थी। अधिकारियों ने कुंवर मांझी को समाज की मुख्यधारा में लौटने और जिला प्रशासन के समक्ष आत्मसमर्पण करने की सलाह दी थी।

थाना प्रभारी रवि कुमार ने मीडिया से बात करते हुए इस बात पर अफसोस जताया कि समझाने के ठीक एक माह बाद ही मांझी की मुठभेड़ में मौत हो गई। उन्होंने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण संयोग बताया और कहा कि यदि मांझी ने आत्मसमर्पण का मार्ग चुना होता, तो उसकी जान बच सकती थी।
रवि कुमार ने मीडिया के माध्यम से नक्सल संगठन से जुड़े सभी नक्सलियों, दस्ता सदस्यों एवं सहयोगियों से अपील की है कि वे हिंसा का रास्ता छोड़कर झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण करें और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाएं। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि जिला प्रशासन ऐसे लोगों को पुनर्वास की प्रक्रिया में हरसंभव सहायता देगा।
थाना प्रभारी ने यह भी बताया कि इससे पूर्व भी कई कुख्यात नक्सली सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत आत्मसमर्पण कर शांतिपूर्ण जीवन जी रहे हैं और समाज में पुनः स्थापित हो चुके हैं।
यह मुठभेड़ एक बार फिर साबित करती है कि हिंसा का मार्ग अंततः विनाश की ओर ही ले जाता है। सरकार की नीतियों के तहत मुख्यधारा में लौटना न केवल जीवन रक्षण का मार्ग है, बल्कि एक सम्मानजनक भविष्य की ओर भी अग्रसर करता है।
