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न्यायप्रहरी: एक नई पहल, पुलिस और समाज के बीच समझ और सहयोग का माध्यम

न्यायप्रहरी भारत में पुलिस बल की कार्यशैली, उनके संघर्ष, अनुभव और जनता के प्रति उनकी समर्पित सेवाओं को लेकर एक समर्पित और निष्पक्ष वेब पोर्टल है। यह प्रकाशन एक संयुक्त पहल है, जिसे डॉ. प्रशान्त करण (पूर्व डीआईजी पुलिस) और पूर्णेन्दु सिन्हा ‘पुष्पेश’ (वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता) द्वारा तैयार किया गया है। इसके संचालन में रिटायर्ड वकील, प्रशासनिक अधिकारी और वरिष्ठ पत्रकारों की एक विशेषज्ञ टीम शामिल है, जो भारतीय पुलिस के विभिन्न पहलुओं को सही रूप में प्रस्तुत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

न्यायप्रहरी का उद्देश्य भारतीय पुलिस बल की जमीनी हकीकत को उजागर करना है, जिसमें पुलिसकर्मियों की व्यक्तिगत कहानियाँ, उनके संघर्ष, उनके द्वारा किए गए अच्छे कार्य, और उनके सामने आने वाली चुनौतियाँ शामिल हैं। यह प्लेटफार्म पुलिस सेवा के सुधार और सुधार की दिशा में सकारात्मक विचार-विमर्श के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करेगा।

हमारा लक्ष्य पुलिस बल की उपलब्धियों, उनकी समस्याओं, सुधार की संभावनाओं और समाज के साथ उनके संबंधों पर प्रकाश डालना है। ‘न्यायप्रहरी’ में पाठकों को पुलिस बल की कार्यप्रणाली से जुड़ी दिलचस्प और प्रेरक कहानियाँ पढ़ने को मिलेंगी, जिनमें न केवल पुलिसकर्मियों के दृष्टिकोण से, बल्कि आम जनता की अपेक्षाओं और अनुभवों पर भी विचार किया जाएगा।

न्यायप्रहरी पोर्टल और एक साप्ताहिक वेब-अख़बार न्यायप्रहरी का एक प्रमुख उद्देश्य भारतीय पुलिस को आत्ममंथन और सुधार की दिशा में प्रेरित करना है, ताकि पुलिस बल और समाज के बीच एक मजबूत और पारदर्शी संवाद स्थापित हो सके। ‘न्यायप्रहरी’ भारतीय पुलिस के सकारात्मक पहलुओं को बढ़ावा देने और सुधार की दिशा में एक सशक्त कदम है, जो समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सामंजस्य और विश्वास को बढ़ावा देगा।

न्यायप्रहरी पुलिस बल के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करता है, जो उन्हें अपने अनुभव, समस्याएँ और समाधान साझा करने का अवसर देता है। इसके माध्यम से पुलिस और समाज के बीच बेहतर संवाद और सहयोग की उम्मीद जताई जाती है, जिससे समाज में कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति को और भी मजबूत किया जा सके।

वेबसाइट: www.nyaayeprahri.in

दूरभाष : 8873 319 159 / 94311 12016

ईमेल : nyaayeprahri@gmail.com

 

 

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