बोकारो : जिले के गोमिया थाना अंतर्गत लुगू पहाड़ की तलहटी बिरहोरडेरा जंगल में बुधवार सुबह सुरक्षा बलों और भाकपा माओवादी नक्सलियों के बीच जोरदार मुठभेड़ हुई। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि इस इलाके में माओवादी संगठन के हथियारबंद नक्सली जमा हैं। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए कोबरा-209 बटालियन और जिला पुलिस बल की संयुक्त टीम ने जंगल में ऑपरेशन चलाया। तड़के लगभग 6 बजे माओवादियों ने सुरक्षा बलों पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी, जिसके बाद जवानों ने मोर्चा संभालते हुए जवाबी फायरिंग की।
करीब एक घंटे चली इस मुठभेड़ के बाद घटनास्थल की तलाशी में पुलिस ने दो नक्सलियों के शव बरामद किए हैं। इनमें से एक नक्सली की पहचान नक्सली वर्दी से हुई है, जबकि दूसरा सिविल लिबास में था। मौके से एक अत्याधुनिक AK-47 राइफल भी बरामद की गई है। इसके अलावा माओवादी दस्तावेज, विस्फोटक और कई जरूरी सामान भी जब्त किए गए हैं। मारे गए नक्सलियों की पहचान की कार्रवाई जारी है।
इस अभियान के दौरान कोबरा-209 बटालियन का एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया था, जिसे तत्काल हेलीकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर रांची भेजा गया। लेकिन इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। जवान की शहादत की पुष्टि सुरक्षा बलों ने की है। जवान की पहचान सार्वजनिक नहीं की गई है, पर अधिकारियों ने बताया कि वह बेहद साहसी और प्रशिक्षित कर्मी था, जिसने ऑपरेशन के दौरान वीरता के साथ मोर्चा संभाला। अभी अभी खबर मिली है की एक अन्य घायल जवान को एयर लिफ्ट कर के रांची लाया गया है।
सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि मुठभेड़ में मारा गया एक नक्सली कुख्यात हार्डकोर उग्रवादी कुंवर मांझी हो सकता है, जिस पर सरकार ने 5 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था। हालांकि पुलिस इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रही है, लेकिन संकेत मिल रहे हैं कि शवों में से एक की कद-काठी, चेहरा और अन्य लक्षण कुंवर मांझी से मेल खाते हैं। यदि यह पुष्टि होती है, तो यह राज्य पुलिस के लिए माओवाद के खिलाफ एक बड़ी जीत मानी जाएगी।
घटनास्थल पर अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है। सुरक्षाबलों की अतिरिक्त टीमें इलाके में गहन तलाशी अभियान चला रही हैं। स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ की जा रही है और माओवादियों की अन्य संभावित मौजूदगी को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। जंगल के अंदरूनी हिस्सों में संभावित ठिकानों की पहचान कर उन्हें ध्वस्त करने की प्रक्रिया भी जारी है।
यह मुठभेड़ उस लुगू पहाड़ क्षेत्र में हुई है, जहां इसी साल अप्रैल में एक करोड़ के इनामी नक्सली सहित आठ माओवादियों को सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बावजूद माओवादी गतिविधियों का जारी रहना, इस बात का संकेत है कि संगठन झारखंड में अब भी अपने पैर जमाए रखने की जद्दोजहद कर रहा है।
बोकारो पुलिस और ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे वरिष्ठ अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। पुलिस ने स्पष्ट किया है कि नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई अब निर्णायक दौर में पहुंच चुकी है, और किसी भी सूरत में माओवादी नेटवर्क को पनपने नहीं दिया जाएगा। जवान की शहादत को सम्मानपूर्वक याद करते हुए, पुलिस और सुरक्षा बलों ने दोहराया है कि वे राज्य को नक्सल मुक्त करने के अपने संकल्प पर अडिग हैं।
इलाके में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने सीमावर्ती क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ा दी है। मुठभेड़ से जुड़ी हर छोटी-बड़ी जानकारी को खंगाला जा रहा है और आगामी दिनों में और भी सर्च ऑपरेशन की संभावना जताई जा रही है। इस मुठभेड़ ने एक बार फिर यह सिद्ध कर दिया है कि झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बल पूरी तैयारी और सख्ती के साथ मैदान में डटे हैं।
यह वही लुगू पहाड़ क्षेत्र है, जहां इसी वर्ष अप्रैल महीने में एक करोड़ के इनामी नक्सली सहित आठ माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया था। इसके बावजूद नक्सली गतिविधियां इस इलाके में पूरी तरह थमी नहीं हैं। बुधवार की मुठभेड़ इस बात का संकेत है कि माओवादी संगठन झारखंड में अब भी अपनी पकड़ बनाए रखने की कोशिश में लगे हुए हैं।
लुगू पहाड़ क्षेत्र में हुई इस मुठभेड़ को राज्य पुलिस की एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है, खासकर यदि कुंवर मांझी के मारे जाने की पुष्टि होती है। यह घटना झारखंड में माओवादी नेटवर्क के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकती है। पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने पूरे क्षेत्र में हाई अलर्ट जारी कर दिया है और मुठभेड़ से जुड़ी अधिक जानकारी की प्रतीक्षा की जा रही है।