नक्सल प्रभावित 11 जिलों में सुरक्षा अभियान तेज़, आईजी अभियान की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक

Ranchi : झारखंड के नक्सल प्रभावित 11 जिलों की स्थिति पर मंगलवार को एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता अभियान के महानिरीक्षक (IG अभियान) ने की, जिसमें गुमला, लोहरदगा, लातेहार, पलामू, गढ़वा, चतरा, हजारीबाग, गिरिडीह, बोकारो, सरायकेला और खूंटी जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) शामिल हुए। बैठक में नक्सली गतिविधियों, उनकी रोकथाम और कार्रवाई के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई।

समीक्षा बैठक में उपस्थित सभी जिलों के एसपी को दिशा-निर्देश दिए गए ताकि नक्सल गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा सके और कानून व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जा सके। बैठक का मुख्य फोकस वामपंथी उग्रवाद से संबंधित लंबित मामलों की प्रगति और पुनर्वास नीति के क्रियान्वयन पर रहा।

बैठक में तय किया गया कि:

1. पूर्व में घटित नक्सली घटनाओं की होगी समीक्षा – सभी जिलों के एसपी को यह निर्देश दिया गया कि वे रंगदारी, लेवी और धमकी जैसे मामलों की गहन समीक्षा करें और सुनिश्चित करें कि ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर उचित कार्रवाई हो।

2. पुनर्वास नीति की प्रभावी निगरानी – यह सुनिश्चित किया जाए कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को राज्य सरकार की पुनर्वास योजना के तहत सभी लाभ मिलें। यदि कोई लाभ से वंचित है तो तत्काल उस पर कार्यवाही की जाए।

3. फरार नक्सलियों पर ईनाम की घोषणा – फरार नक्सलियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने के लिए उनके विरुद्ध शीघ्र पुरस्कार प्रस्ताव भेजने को कहा गया।

4. जमानत पर छूटे उग्रवादियों की निगरानी – थानाध्यक्षों को निर्देश दिया गया है कि जमानत पर छूटे नक्सलियों और उनके सहयोगियों की सतत निगरानी की जाए और उनके जमानतदारों का भी सत्यापन सुनिश्चित किया जाए।

5. लंबित मामलों के त्वरित निष्पादन पर ज़ोर – नक्सलवाद से जुड़े लंबित कांडों की समीक्षा कर त्वरित निपटारा सुनिश्चित करने को कहा गया।

6. यूएपीए मामलों में अवैध संपत्ति जब्ती की कार्रवाई – यूएपीए के तहत दर्ज मामलों में फरार नक्सलियों की अवैध संपत्ति की जब्ती की कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए गए हैं।

7. कुर्की-ज़ब्ती में तेजी – फरार नक्सलियों के विरुद्ध लंबित कुर्की-ज़ब्ती की कार्यवाही को तत्काल निष्पादित करने का आदेश दिया गया है।

इस बैठक से स्पष्ट संकेत मिला है कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन नक्सलवाद के समूल नाश के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। आईजी अभियान ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर स्तर पर निगरानी रखी जाएगी। वहीं, पुलिस मुख्यालय स्तर से भी इन दिशा-निर्देशों के अनुपालन पर साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी।

झारखंड के नक्सल प्रभावित जिलों में यह बैठक एक निर्णायक मोड़ मानी जा रही है, जहां रणनीतिक तौर पर हर मोर्चे पर सख्ती बरतने का निर्णय लिया गया है। अब देखना यह होगा कि इन निर्देशों का धरातल पर कितना प्रभाव पड़ता है और नक्सली गतिविधियों पर नियंत्रण कितना सख्ती से लागू किया जा सकेगा।

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